पीएमएस (PMS) से राहत पाने के लिए महिलाएं क्या कर सकती हैं?

महिलाओं के जीवन में मासिक धर्म से पहले और बाद की शारीरिक और मानसिक परेशानियां सामान्य हैं, जिन्हें हम प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) के नाम से जानते हैं। यह लक्षण चिड़चिड़ापन, थकावट, पेट दर्द, सिरदर्द और मूड स्विंग्स तक हो सकते हैं। हालांकि, ये समस्याएं आम हैं, लेकिन इन्हें प्राकृतिक और वैकल्पिक उपचारों से कम किया जा सकता है। यहां हम कुछ प्रभावी उपायों की चर्चा करेंगे, जो पीएमएस के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।

1. आहार में बदलाव करें

आहार का हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर होता है। पीएमएस के लक्षणों को कम करने के लिए इन आहार संबंधी बातों पर ध्यान दें:

  • कम सोडियम (नमक) का सेवन: अधिक नमक खाने से शरीर में पानी का संचार बढ़ता है, जिससे सूजन और पेट में दर्द हो सकता है। इसलिए, पीएमएस के दौरान कम नमक का सेवन करें।
  • हैल्दी फैट्स: ओमेगा-3 फैटी एसिड्स (जैसे मछली, अखरोट, चिया सीड्स) से भरपूर आहार लें। ये फैट्स सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं और मानसिक स्थिति को बेहतर बना सकते हैं।
  • कैल्शियम और मैग्नीशियम: ये दोनों खनिज आपके शरीर को आराम और संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। दूध, हरी पत्तेदार सब्जियां और नट्स इनमें अच्छे स्रोत हैं।
  • कॉफी और शक्कर से परहेज करें: इन चीजों का अत्यधिक सेवन शरीर को और भी अधिक तनाव और चिड़चिड़ापन दे सकता है। चीनी और कैफीन का सेवन कम करने से मूड स्विंग्स में भी कमी आ सकती है।

2. वयायाम (Exercise) करें

व्यायाम पीएमएस से जुड़े कई लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। नियमित रूप से योग, पैदल चलना, तैराकी या हल्की एरोबिक्स जैसी गतिविधियां करने से:

  • थकावट और दर्द में राहत मिलती है।
  • हॉर्मोनल संतुलन बेहतर होता है।
  • मूड स्विंग्स कम होते हैं।

एक स्वस्थ शरीर और मानसिक स्थिति को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि बेहद महत्वपूर्ण है।

3. तनाव कम करें

पीएमएस के दौरान तनाव और चिंता बढ़ सकती है, जो लक्षणों को और भी गंभीर बना सकती है। ध्यान और प्राणायाम जैसी गतिविधियों से मानसिक शांति पाई जा सकती है।

  • ध्यान और गहरी सांसों की प्रक्रिया (Breathing Exercises): इससे मानसिक स्थिति स्थिर रहती है और आपको आराम मिलता है।
  • मसाज: शरीर की हल्की मसाज करने से रक्त संचार बेहतर होता है और दर्द में राहत मिलती है।

4. हर्बल उपचार

कुछ हर्बल उपायों से भी पीएमएस के लक्षणों को कम किया जा सकता है:

  • सौंफ का सेवन: सौंफ के बीज पीएमएस से जुड़े पेट दर्द और सूजन में मदद कर सकते हैं। गर्म पानी में सौंफ डालकर पीने से राहत मिलती है।
  • चमेली और तुलसी की चाय: इन हर्बल चायों में प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में सहायक हैं।
  • लैवेंडर तेल: लैवेंडर का तेल मानसिक स्थिति को संतुलित करने में मदद करता है। आप इसे स्नान के पानी में डाल सकती हैं या सीधे त्वचा पर लगाकर मसाज कर सकती हैं।

5. पर्याप्त नींद लें

पीएमएस के दौरान शारीरिक और मानसिक तनाव बढ़ जाता है, जिसके कारण नींद में खलल पड़ सकता है। इसलिए, पर्याप्त नींद लेना बेहद जरूरी है। नींद से शरीर को विश्राम मिलता है और वह ठीक से काम करता है।

6. विटामिन B6 का सेवन

विटामिन B6 का सेवन पीएमएस के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। यह विटामिन मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन को कम करने में सहायक होता है। आप विटामिन B6 से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे केले, आलू, मछली और साबुत अनाज का सेवन कर सकती हैं।

7. मेडिकल उपचार

यदि घरेलू उपचारों से राहत नहीं मिलती, तो आप डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं। डॉक्टर कुछ दवाइयां, जैसे दर्द निवारक या हार्मोनल उपचार, पीएमएस के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए सलाह दे सकते हैं।

निष्कर्ष:

पीएमएस से छुटकारा पाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन सही जीवनशैली, आहार और स्वास्थवर्धक आदतें इस समस्या को आसानी से नियंत्रित कर सकती हैं। आपको अपनी शारीरिक और मानसिक स्थिति का ध्यान रखते हुए इन उपायों को अपनाना चाहिए। अगर फिर भी समस्याएं बनी रहती हैं, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

स्वस्थ शरीर, संतुलित आहार, और मानसिक शांति—ये सभी आपके जीवन को पीएमएस से लड़ने के लिए मजबूत बना सकते हैं।

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